Monday, August 11, 2008

अभिनव बिंद्रा ने जीता भारत के लिए पहला स्‍वर्ण पदक

                abhinav

 

ये हैं अभिनव बिंद्रा ।

ओलंपिक में व्‍यक्तिगत प्रतियोगिताओं में भारत के पहले स्‍वर्ण पदक विजेता । अभिनव के बारे में बताना ज़रूरी है । पर पहले मैं ये कहना चाहता हूं कि अभिनव की उपलब्धि को देश अपनी उपलब्धि बताकर इतरा ज़रूर ले । खेल मंत्रालय इसे अपनी कामयाबी माने और खेल अधिकारी इस पर सीना चौड़ा कर लें । पर देखा जाये तो ये अभिनव की मेहनत और उसकी लगन की कामयाबी है । वरना क्रिकेट को छोड़ दें तो भारत में बाक़ी खेलों के साथ जैसा सौतेला बर्ताव हो रहा है उससे सभी वाकिफ हैं ।

                   tiranga

28 सितंबर 1983 में जन्‍में 25 साल के इस युवक का ये तीसरा ओलंपिक है । सन 2000 के ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले वो सबसे कम उम्र के भारतीय प्रतियोगी थे । सन 2001 में कई अंतरराष्‍ट्रीय मुक़ाबलों में उन्‍होंने छह मेडल जीते थे । सन 2004 के ओलंपिक में ओलंपिक रिकॉर्ड को तोड़ने के बाद भी अभिनव पदक नहीं जीत पाए थे ।

 

हैरत की बात ये है कि अभिनव ऐसे वैसे युवा नहीं हैं । उन्‍होंने MBA किया है । और उनका अपना व्‍यवसाय है । मैं जानता हूं कि शूटिंग प्रतियोगिताओं में हिस्‍सा लेना आम आदमी के बस की बात नहीं है । ये एक बेहद महंगा खेल है । पर सवाल ये है कि अगर कोई अपने निजी संसाधनों से ट्रेनिंग करता है और अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर जाकर नाम कमाता है तो इसमें बुराई क्‍या है । हां इससे व्‍यवस्‍था की कलई जरूर खुलती है कि मुफ्तिया संसाधन बांटने वाला प्रशासन कुछ उत्‍कृ‍ष्‍ट खिलाड़ी तैयार नहीं कर पाता क्‍योंकि हर कोने में भ्रष्‍टाचार की दीमक लगी है ।

 

अभिनव ने इस साल के ओलंपिक में पुरूषों की दस मीटर के रायफल इवेन्‍ट में 700.5 अंक लेकर स्‍वर्ण पदक हासिल किया है । बार बार मेरे मन में यही बात आ रही है कि एक अरब की आबादी वाले इस देश को इस एक स्‍वर्ण पर ही उन्‍मत्‍त होकर नाचना पड़ रहा है । एक अरब लोगों के पीछे एक स्‍वर्ण । जबकि हमसे बहुत छोटे नन्‍हें नन्‍हें देश कई खेलों में हमसे बहुत आगे हैं । क्‍यों ।

13 टिप्‍पणियां :

CG said...

अभिनव बिन्द्रा ज़िन्दाबाद!

Ashok Pande said...

Abhinav Bindra, Zindabad!

Prabhakar Pandey said...

हार्दिक बधाई एवं अभिनन्दन।

नीरज गोस्वामी said...

युनुस जी
बहुत सही कहा आपने जिस देश की अधिकांश जन संख्या सिर्फ़ क्रिकेट को ही समर्पित हो उस देश में आम लोगों के लिए एक अनजान खेल में अपने बल बूते पर स्वर्ण पदक प्राप्त करना बहुत मायने रखता है. नाकारा निकम्मे क्रिकेटरों जो श्री लंका में अपना मुहं छुपाने की जगह ढूंढ रहे हैं इस से सबक लेना चाहिए.
अभिनव ना सिर्फ़ नाम से बल्कि अपने काम से भी अभिनव है...बहुत बहुत बधाई उसको.
नीरज

काकेश said...

युनूस जी. ज़न्मतिथि मेरे रिकॉर्ड के अनुसार 28 सितम्बर 1982 है. इनका जन्म स्थान : देहरादून
पैतृक गाँव : मोखमपुर जिला : देहरादून में है.

अभिनव को बधाईयां.

अफ़लातून said...

बहुत खुशी हो रही है। उत्तराखण्ड वालों को ज्यादा हो रही है?

Anita kumar said...

अभिनव बिन्द्रा को हार्दिक बधाई और भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं।

Sanjeet Tripathi said...

सही।
अभिनव को बधाई व शुक्रिया दोनो ही।

Udan Tashtari said...

जीत की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.

Manish Kumar said...

28 saal pehle ek or jasdev singh the aur radio ke doosri or hum aur spain ki shikast ke baad jo romanch badan mein phaila tha waisa hi kuch aaj abhinav na kar ke dikha diya.

tahe dil se ids khiladi aur uske parivaar ko naman !

Gyan Shringi said...

Bahut badhayee bharat ke bete tumko,
Tumne khushiyan de di pure Bharat ko,
Yon to ek swarn bolo hota hi kya hai,
Khali jholi walon ka to,ye hi sab kuchh hai.

Achchha hua bache ho desi doping se,
Padak na la sakte the nahin to beijing se.

From
Gyan Swaroop Shringi
Kota

Gyan Shringi said...

Bahut badhayee bharat ke bete tumko,
Tumne khushiyan de di pure Bharat ko,
Yon to ek swarn bolo hota hi kya hai,
Khali jholi walon ka to,ye hi sab kuchh hai.

Achchha hua bache ho desi doping se,
Padak na la sakte the nahin to beijing se.

From
Gyan Swaroop Shringi
Kota

Yunus Khan said...

काकेश जी विकीपीडिया में यही जन्‍मतिथि‍ थी । मुझे लगता है कि आपका रिकॉर्ड ज्‍यादा सही होगा ।

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