tag:blogger.com,1999:blog-3018248192571293984.post5549367701743705376..comments2023-08-22T13:59:45.625+05:30Comments on तरंग: राजू भाई, छुट्टन और घर के बेदखल बूढ़े ।Yunus Khanhttp://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-3018248192571293984.post-54900087686871015512008-10-14T19:51:00.000+05:302008-10-14T19:51:00.000+05:30बहुत विचारणीय पोस्ट.. पर मैं शायद इस पोस्ट पर टिप...बहुत विचारणीय पोस्ट.. पर मैं शायद इस पोस्ट पर टिप्पणी करने का अधिकारी भी नहीं क्यों कि पिताजी भी ६६ की उम्र में काम करते हैं।<BR/>वजह बहु के ताने सुनने से बचना ना होकर शायद बेटों की अयोग्यता है।<BR/>:(सागर नाहरhttps://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3018248192571293984.post-22485336177922012872008-09-29T00:06:00.000+05:302008-09-29T00:06:00.000+05:30".....ये ना समझिये कि एक हाथ नहीं है तो हम आपका बै...".....ये ना समझिये कि एक हाथ नहीं है तो हम आपका बैग नहीं पकड़ पायेंगे ..." ... "....बहुओं के तानों से बचने के लिए ये पुरूष और महिलाएं समूह में इस तरह से पार्कों, सड़क की पटरियों, रेलवे स्टेशनों और कुछ हॉल्स में अपना वक्त गुज़ारते हैं ।" ..... प्रसंशनीय अभिव्यक्ति है।कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3018248192571293984.post-67062141331332255632008-09-24T21:19:00.000+05:302008-09-24T21:19:00.000+05:30आप ने बहुत ही सटीक उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। लेकिन ...आप ने बहुत ही सटीक उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। <BR/><BR/>लेकिन नगरों में वृद्धों की भी भूमिका है। मैं ऐसे परिवारों को जानता हूँ जहाँ वृद्ध घर संभाल रहे हैं और बेटा बहू काम कर रहे हैं। <BR/><BR/>बस बात इतनी है कि हम परिवार में समरसता बनाए रखें। अनेक बार यह समरसता बच्चों की ओर से टूटती है और अनेक बार वृद्धों की ओर से भी।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3018248192571293984.post-78671206511009888482008-09-24T20:29:00.000+05:302008-09-24T20:29:00.000+05:30इन अहसासों के बाद, कुछ कहना तो नहीं है..बस चंद पंक...इन अहसासों के बाद, कुछ कहना तो नहीं है..बस चंद पंक्तियाँ:<BR/><BR/>यह जो सामने<BR/>ढलती हुई <BR/>एक काया है...<BR/>बस, इतना याद रखना..<BR/>तुम्हारे आने वाले<BR/>कल की ही<BR/>एक छाया है!!!<BR/><BR/>-समीरUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3018248192571293984.post-62344333106836532282008-09-24T12:52:00.000+05:302008-09-24T12:52:00.000+05:30एक बूढा एक बच्चे सा होता है....बस उसे बोलना आता है...एक बूढा एक बच्चे सा होता है....बस उसे बोलना आता है....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3018248192571293984.post-50906950086013666382008-09-24T12:40:00.000+05:302008-09-24T12:40:00.000+05:30"इसके आगे आज मुझे कुछ नहीं कहना है ।" -----क्या यू..."इसके आगे आज मुझे कुछ नहीं कहना है ।" <BR/>-----<BR/>क्या यूनुस, इतनी जबरदस्त पोस्ट के बाद कुछ बाकी रह जाता है? मैं तो अतीव प्रंशंसाभाव में आ गया हूं। <BR/><BR/>यह जरूर गांठ बांध लिया है कि निठ्ठल्ले घर बैठना मरण है!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3018248192571293984.post-58112620271435925262008-09-24T12:30:00.000+05:302008-09-24T12:30:00.000+05:30सोचा था, बुढापे में घर बैठे जमकर ब्लॉगिंग करुँगा,...सोचा था, बुढापे में घर बैठे जमकर ब्लॉगिंग करुँगा, पर शायद भावी बहू के ताने सुनने पड़ सकते हैं, इसलिए भाइयों अपने बुढ़ापे में करने के लिए किसी काम का अभी से इंतजाम करना बहुत जरुरी है, साथ ही, अपने बुर्जुगों का ख्याल भी रखना, वे कोई राष्ट्रीय धरोहर नहीं हैं।जितेन्द़ भगतhttps://www.blogger.com/profile/05422231552073966726noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3018248192571293984.post-73833445812286656862008-09-24T10:33:00.000+05:302008-09-24T10:33:00.000+05:30यह सत्य है. दूख होता है, वृद्धो के साथ ऐसा व्यवहार...यह सत्य है. दूख होता है, वृद्धो के साथ ऐसा व्यवहार इस कही जाने वाली महान संस्कृति का एक हिस्सा है.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3018248192571293984.post-41255255250998751022008-09-24T10:09:00.000+05:302008-09-24T10:09:00.000+05:30अच्छी तहरीर है...अच्छी तहरीर है...फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.com